जब भी ऐसा कुछ होता है जिससे व्यक्ति अकर्मण्यता, शोक अथवा कायरता के चलते भागने का मार्ग अपनाता है तो शनिदेव व्यक्ति की उस चालाकी को पकड़ लेते हैं. व्यक्ति सोचता है वह ईश्वर के निकट जा रहा है, दुःखों से मुक्ति पा रहा है अथवा अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है परन्तु वास्तव में वह शनिदेव के दुष्प्रभावों की ओर बढ़ रहा होता है.
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November 2018
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Author - Archit
लाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः येषामिन्दीवरश्यामो हृदयस्थो जनार्दनः I ज्योतिष सदा से ही मेरा प्रिय विषय रहा है. अपने अभी तक के जीवन में मुझे इस क्षेत्र से जुड़े बहुत से लोगों के विचार जानने का अवसर मिला. सौभाग्यवश ऐसे भी कई लोगों से मिला जिन्हें इस क्षेत्र में विश्वास ही नहीं था. फ्यूचरपॉइंट संस्था (दिल्ली) से भी बहुत कुछ सीखा और अपने पिताजी से तो अभी भी यदा कदा सीखते ही रहता हूँ. ज्योतिष अच्छा तो बहुत है परंतु इसमें भ्रांतियां भी उतनी ही फैली हुई हैं जिस कारण कभी कभी बड़ा दुःख होता है. नौकरी के चलते ज्योतिष में समय देना थोड़ा कठिन हो जाता है अतः ईश्वर की प्रेरणा से अपने विचारों को प्रकट करने के लिए और इनसे किसी का कुछ भी भला हो सके इसी हेतु लेख लिखा करता हूँ. |