यूँ तो रात में इंसान को सोना चाहिए पर कभी कभी रात में नींद नहीं आती इसका कारण क्या है? मैं नहीं जानता अब नहीं आती तो नहीं आती और नहीं आती है तो ना आये मैं इस फेर में पड़ता भी नहीं यदि ईश्वर किसी रात जगाना चाहता है तो ठीक है, जगा ले उसकी इच्छा लगता है व्यर्थ नींद की चिंता में नहीं कोई रोग करना है मुझे तो बस इस समय का सदुपयोग करना है इसीलिए, जब नींद नहीं आती तो कभी कोई पुस्तक पढ़ लेता हूँ कभी कोई कहानी गढ़ लेता हूँ कभी कोई रचना रच लेता हूँ कभी अपने भीतर बढ़ लेता हूँ आत्मचिंतन कर लेता हूँ ईश्वर का नाम जप लेता हूँ कुछ नहीं तो यूँ ही थोड़ा चल लेता हूँ और फिर जब रात को दिन में बदलते देखता हूँ तो लगता है समय यहीं थम जाये देखता ही रहूँ प्रकाश को अंधकार से गले मिलते हुए |
Author - Architलाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः I येषामिन्दीवरश्यामो हृदयस्थो जनार्दनः II Archives
November 2020
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