'अर्चित' उठ जा सुबह हो गयी विघ्नेश गणेश महेश पुत्र को सबसे पहले हाथ जोड़ ले मेधा, प्रज्ञा, शुभ्रा, महाश्वेता सरस्वती का ध्यान ओढ़ ले सूर्यदेव को कर प्रणाम फिर रात अँधेरी पुनः खो गयी 'अर्चित' उठ जा सुबह हो गयी जय भूतेश, उमेश, सदाशिव शंकर, शम्भू, महादेव हर नन्दा, शांता, परमा शक्ति अम्बा, उमा समेत कृपा कर मात-पिता की शिक्षा देखो देव प्रणाम की वजह हो गयी 'अर्चित' उठ जा सुबह हो गयी नारायण श्रीरामकृष्ण हरि विष्णु, माधव, मोहन भगवान् नारद-शंकर-लक्ष्मीवल्लभ * जय अनंतनाग सेवित श्रीमान् परमात्मा के लिए माँ गंगे इतनी मेरी विनय हो गयी 'अर्चित' उठ जा सुबह हो गयी * नारद-शंकर-लक्ष्मीवल्लभ अर्थात् नारदजी, शंकर भगवान और माता लक्ष्मी के प्रिय (श्री विष्णु भगवान) |
Author - Architलाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः I येषामिन्दीवरश्यामो हृदयस्थो जनार्दनः II Archives
November 2020
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