मैं जागने ही वाला था बस लेकिन तुमने मुझे प्यार भरी थपकी दे दी उठते उठते फिर रह गया मैं हाय एक बार फिर मैंने झपकी ले ली मुझे सुलाकर बहुत खुश हो लेकिन तुम भी कोई मुझसे अलग नहीं हो मैं सोया हूँ, तो तुम भी सोये ही हो भेद बस इतना है कि मुझे तुम जागने नहीं देना चाहते तुम्हें ईश्वर की माया सुलाए हुए है ईश्वर भी चाहता है कि सभी नींद में ही रहे सब जाग उठे तो यह संसार का खेल कैसे बढ़े इसलिए जैसे मुझे होश में आता देख तुम मुझे थपक देते हो तुम्हें होश में आता देख ईश्वर तुम्हें थपक देता है कहीं न कहीं तुम्हें उलझा देता है और तुम पुनः नींद में चले जाते हो जागते जागते रह जाते हो |
Author - Architलाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः I येषामिन्दीवरश्यामो हृदयस्थो जनार्दनः II Archives
November 2020
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