आज महाशिवरात्रि है और भांग पीने वालों के लिए भोलेनाथ के नाम पर भांग पीने का बहुत अच्छा बहाना है. महादेव के इस प्रसाद को कोई ठंडाई में मिलाकर गिलास पर गिलास गटक जाता हैं तो कोई भांग की गोली खाना पसंद करता है. इन्टरनेट के माध्यम से लोग तरह तरह के सन्देश भी प्रसारित करने में लगे हैं, जैसे - १) खुशबू आ रही है कहीं से गांजे और भांग की शायद खिड़की खुली रह गयी है मेरे महाकाल के दरबार की हर हर महादेव २) दूध पीने से अगर बुद्धि आती तो गाय और भैंस के बच्चे वैज्ञानिक होते वहम से बचो, भांग पियो भांग हर हर महादेव किसी से पूछो, 'भगवान शिव भांग पीते हैं' ऐसा कहाँ लिखा है; तो लोग बिना एक क्षण गंवाए उत्तर देते हैं - "पुराणों में लिखा है". फिर चाहे उनमें से किसी ने पुराण देखे भी न हो!
प्रश्न एक ही है - "कौन से पुराण में लिखा है". इसका उत्तर कोई नहीं देता. स्कन्द पुराण, शिव पुराण और लिंग पुराण मुख्यतः शिव के विषय में बात करते हैं परंतु इनमें कहीं ऐसा कुछ मिलता नहीं (कम से कम मुझे तो नहीं मिला) जिससे पता चले कि भगवान शिव भांग पीते हैं. आदि शंकराचार्य कृत स्तुतियों में भी कहीं ऐसा विवरण नहीं मिलता. रावण कृत शिव तांडव स्तोत्र में भी ऐसा कुछ नहीं है. अन्य स्तुतियाँ जो मैंने पढ़ी हैं उनमें शिव के भांग पीने जैसा कुछ नहीं मिलता. फिर भगवान शिव भांग पीते हैं तो हम भी पियेंगे ऐसी प्रथा कहाँ से चल पड़ी? कुछ विद्वान लोग कहते हैं कि चित्त को एकाग्र (concentrate) करने के लिए भगवान शंकर भांग पीते हैं. क्या यह तर्क विश्वास करने जैसा है? जिसको ध्यान लगाने के लिए भांग का सहारा लेना पड़े वो क्या भगवान हो सकता है? क्या आप कभी अपने जीवन में ऐसे व्यक्ति से नहीं मिले जो बिना भांग पिए चित्त को एकाग्र कर सके? मैं तो ऐसे अनेक लोगों को जानता हूँ. आचार्य बालकृष्ण के एक कार्यक्रम में मैंने सुना था कि भांग के पौधे में अनेकों औषधीय गुण होते हैं संभवतः इसलिए इसका नाम भगवान शिव के साथ जोड़ दिया गया. वैसे भी शिव को ओषधरुप कहकर वेदों में संबोधित किया गया है. चन्द्रमा को ओषधियों का राजा कहते हैं और वह उनके माथे पर विराजता है. परमपवित्रा माता गंगा शिव की जटा से निकली बताई जाती हैं. परंतु ओषधि को भी अधिक मात्रा में लिया जाये तो हानि ही करती है. हो सकता है अपनी सुविधा के लिए कुछ लोगों ने भांग के साथ शिव को जोड़ दिया हो और फिर धर्म के नाम पर कुछ किया जाये तो रोके जाने की संभावना घट जाती है. आपमें से यदि किसी को कहीं ऐसा विवरण मिले कि भगवान शिव भांग पीते हैं तो मुझे भी बतायें. बड़ी कृपा होगी. |
Author - Architलाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः I येषामिन्दीवरश्यामो हृदयस्थो जनार्दनः II Archives
February 2021
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