धनहीन के मित्र कहाँ और मित्रों के बिना सुख कहाँ. मित्र कोई व्यक्ति ही हो यह आवश्यक नहीं. पराये नगर में विद्या ही अपनी मित्र होती है. मित्र अपने वय का हो यह भी आवश्यक नहीं. यह तो अपने ऊपर है कि हम किसे मित्र स्वीकार करें. कोई कोई तो अपने पेड़ पौधों पर भी मित्र जैसा स्नेह रखते हैं. मित्र तो कोई भी हो सकता है और पुरुष की सबसे बड़ी मित्र तो उसकी पत्नी होती है (भार्या मित्रं गृहेषु च) परन्तु बहुत से पुरुष इस बात को समझ ही नहीं पाते. और मात्र पुरुष ही क्यों? छोटे परिवार में तो पति के लिए पत्नी और पत्नी के लिए पति ही मित्र है. इन दोनों के लिए एक दूसरे से बढ़कर मित्र कौन होगा परन्तु बहुत से पति-पत्नी एक दूसरे की निंदा करने को किसी तीसरे के पास जा रहे हैं. मित्र वही हो सकते हैं जिनके गुण सामान हों. जिनके विचार मिलते हों. यह भी एक कारण है कि कुण्डली मिलान का हिन्दू सभ्यता में महत्त्व बढ़ा. पत्नी धार्मिक हो, माँस-मदिरा से दूर रहती हो और पति शराबी हो तथा परस्त्रियों में रूचि रखने वाला हो तो क्या दोनों में जमेगी. या फिर पति शांत हो, अकेले रहने वाला हो और पत्नी को नित नए स्थान पर घूमने, नाचने, खाने में रस मिलता हो तो मतभेद की संभावना बढ़ जाती है. संस्कृत में एक श्लोक भी है कि सामान गुण वालों में ही मित्रता होती है. मृग मृगों का संग करते हैं, गाय गायों का, घोड़े घोड़ों का, मूर्ख मूर्खों का और विद्वान् विद्वानों का. विपरीत गुण वालों में जो मित्रता होती है वह प्रायः स्वाभाविक मित्रता नहीं होती. अपवाद हो सकते है पर प्रायः ऐसी मित्रता के पीछे कोई न कोई स्वार्थ छुपा होता है. मृगा मृगैः संगमुपव्रजन्ति गावश्च गोभिस्तुरंगास्तुरंगैः। मूर्खाश्च मूर्खैः सुधयः सुधीभिः समानशीलव्यसनेषु सख्यं॥ धन भी व्यक्ति का एक मित्र है और विपरीत गुण वालों की मित्रता में धन का बहुत बड़ा हाथ होता है. आपने ऐसी लड़कियों के विषय में सुना होगा जिन्होंने अमुक धनी एवं प्रभावशाली व्यक्ति से विवाह करने में संकोच नहीं किया यह जानते हुए भी कि वह उससे बहुत वय में बहुत बड़ा है. धन की चमक में बहुत कुछ छुप जाता है. एक व्यक्ति को बड़ा आनंद मिलता था अपने मित्रों को घूमने ले जाने में. उसके पास गाड़ी थी उसमें मित्रमण्डली को बैठाता और खिला पिला कर घर छोड़ दिया करता. उसके तथाकथित मित्र उसके आगे पीछे घूमते और उसकी प्रशंसा करते नहीं थकते थे. एक समय आया जब उसके पास धन का अकाल हो गया. आय जाती रही और व्यय बढ़ने लगा. मित्रों से सहायता माँगने की स्थिति आ गयी. क्या वह मित्र काम आये? धन व्यक्ति का इतना घनिष्ठ मित्र है कि यदि यह न हो तो दो चार ही अपने लोग रह जाते हैं और कुछ समय बाद उन अपनों को भी सहायता करते संकोच होने लगता है. जैसे धन है ऐसे ही बल भी है. बलवान एवं प्रभावशाली व्यक्ति की ओर बहुत से लोग मित्रता का हाथ बढ़ाते हैं. धनी हो अथवा बलवान - मित्रता और जान पहचान के बीच का भेद जिसे पता है वही सफल होता है. एक अच्छे मित्र के जो गुण बताये जाते हैं उनमें पवित्रता, त्याग, शौर्य, सुख दुःख में विचलित न होना, सत्य का पालन करना आदि प्रमुख हैं. मित्र का गुण है विश्वास योग्य होना. यदि उसे कुछ बताया जाये तो वह दस लोगों में जा कर उगल न दे. ऐसे लोग संसार में हैं और ईश्वर की कृपा से मिलते भी हैं पर ईश्वर ने जिसे जितनी बुद्धि दी है उतना ही व्यक्ति पहचान पाता है. बहुत कुछ अपने स्वभाव पर भी है. ज्योतिष में शुभ और बलवान शुक्र वाले व्यक्ति बड़ी सरलता से लोगों को अपना बना लेते हैं. उनके अनेक मित्र होते हैं जो समय पड़ने पर उनके साथ खड़े हों. वे स्वयं भी दूसरों के साथ खड़े होने में संकोच नहीं करते. शुक्र प्रेम का कारक है. जिसके मन में प्रेम नहीं, लगाव नहीं, अपनापन (ममता) नहीं, उसके मित्र कहाँ होंगे. शुक्र के विषय में कभी विचार करो तो लगता है कि मन में निःस्वार्थ प्रेम की धारा सदा बहती रहे और क्रोध, लोभ, मोह आदि विकारों की काई को जमने ही न दे. यूँ तो गुरु, सूर्य आदि अतिबली हों तो शुक्र से महान हैं परन्तु शुक्र प्रभावित अद्वैत की अनुभूति का रस अनोखा है. वह प्रेमयोग है. अंत में मित्रता दिवस के उपलक्ष्य पर यजुर्वेद की प्रार्थना से लेख का समापन करता हूँ: मित्रस्य मा चक्षुषा सर्वाणि भूतानि समीक्षन्ताम्। मित्रस्याहं चक्षुषा सर्वाणि भूतानि समीक्षे। मित्रस्य चक्षुषा समीक्षामहे॥ भाव - परमात्मा से प्रार्थना है कि मुझे सामर्थ्यवान बनायें (क्योंकि जो सामर्थ्यवान न हो उसके मित्र होते नहीं और होते हैं तो टिकते नहीं) कि मैं सभी प्राणियों को मित्रभाव से देखूँ और सभी प्राणी भी मुझे मित्रभाव से देखें. हम एक दूसरे को मित्रभाव से देखें. मेरे भीतर इतना प्रेम समाहित हो जाये कि मुझे कोई शत्रु लगे ही न और मैं किसी को शत्रु न लगूँ. हरिः ॐ |
Author - Architलाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः I येषामिन्दीवरश्यामो हृदयस्थो जनार्दनः II Archives
November 2020
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