उस मंगलवार वह अपनी आयु के ६० वर्ष पूरे करने जा रहा था. इस उपलक्ष्य पर उसने काम से एक दिन की छुट्टी पहले ही माँग ली थी. सोचता था, देर तक सोयेगा और कुछ काम करेगा तो केवल बधाइयों का जवाब देने का. परिवारजन उत्साहित थे. बच्चों ने पहले ही कह दिया था कि बड़ा समारोह आयोजित करेंगे. एक तो जन्मदिन ऊपर से साठवाँ तो फिर प्रसन्नता का विषय क्यों न हो परन्तु मन चेती नहीं होत है, हरि चेती तत्काल. सुबह सुबह उसकी नींद किसी के गाने की आवाज़ से टूटी. जाने कौन सड़क पर एकतारा बजाते हुए ज़ोर ज़ोर से संत ज्ञानेश्वर के बोल गा रहा था: मनोमार्गें गेला तो तेथे मुकला । हरिपाठीं स्थिरावला तोचि धन्य ॥ वह तुनककर उठ बैठा सोचते हुए कि गाने वाले से कहेगा कहीं और जा कर गाये परन्तु जब उठा तो देखा कोई गाना नहीं गा रहा था. सब ओर सन्नाटा पसरा था. सुबह के साढ़े चार बजे थे और परिवार के अन्य लोग अभी सोये ही पड़े थे. उसने यही माना कि हो सकता है स्वप्न हो. परन्तु एक बार नींद बिगड़ गयी तो फिर सो न सका. उसकी नींद तो बिगड़ गयी परन्तु मन में कहीं वह भाव बैठ गया. जो हरिपाठ में स्थिर हुआ वही धन्य हुआ. मन के बताये मार्ग पर जाने वाला तो वहीं समाप्त हुआ. बुद्ध ने भी तो अंगुलिमाल को विस्मयविमुग्ध पाया तो कहा, "मैं तो स्थिर हो गया हूँ पर तुम अब भी स्थिर नहीं हुए हो". स्थिर तो होना ही होगा. वह स्वयं भी कहाँ स्थिर हुआ था. साठवाँ जन्मदिन आ गया परन्तु अब भी वही अहंकार, क्रोध, मोह आदि उसे घेरे हुए थे. वह तो बूढ़ा हो चला था परन्तु उसके भीतर का वह बालक और वह युवा कहीं गए नहीं. अब वह एक से तीन हो गया था (बच्चा, युवा और बूढ़ा). और यह तो स्थूल वर्गीकरण था. उसके साठ वर्षों के साठ व्यक्तित्त्व उसके कन्धों पर लदे थे जिनके बोझ से अब उसके घुटनों में दर्द होने लगा था. चलना थोड़ा भारी जान पड़ता था. अपना वास्तविक स्वरूप क्या है यह तो जानने का उसने कभी प्रयास ही नहीं किया. जन्मदिन पर जन्मदिन मनाता चला क्योंकि सब मनाते हैं. उसने पाया कि जैसे बादल आते जाते रहते हैं ऐसे ही विविध भाव उसके भीतर आते जाते रहते थे. जैसे जल को जिस पात्र में डालो वैसा आकर ले लेता है, वैसे ही जैसी परिस्थिति हुई, वैसा ही रूप उसने धर लिया. वह स्थिर हुआ ही कब. उस दिन पहली बार वह अपने भीतर उतरा और तब से अब तक बाहर नहीं आया. |
Author - Architलाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः I येषामिन्दीवरश्यामो हृदयस्थो जनार्दनः II Archives
November 2020
Categories
All
|