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धर्म / समाज पर विविध विचार

People are Superstitious - There is No Such Thing as Superstition

28/5/2016

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Seven English Words Derived from Hindi/Sanskrit

21/5/2016

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भगवान शिव का पंचाक्षर स्तोत्र - (हिंदी) भावार्थ सहित

20/5/2016

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​शिव पंचाक्षर स्तोत्र आदि शंकराचार्य जी ने रचा था. आज बहुत लोग इसका पाठ करते हैं. कई लोग महामृत्युंजय पूजा प्रारम्भ करने से पहले भी इस स्तोत्र का पाठ करते हैं. जैसा मैंने गुरुजनो और बड़ों से सुना है, ॐ नमः शिवाय में 'ॐ' बीजमंत्र है और नमः शिवाय को पंचाक्षरी मंत्र कहा जाता है. इसी को आधार बना शंकराचार्य जी ने इस पंचाक्षरी स्तोत्र की रचना की. 

​नमः शिवाय में जो पांच अक्षर हैं, उन्हीं पांच अक्षरों में से एक एक अक्षर को एक एक तत्त्व के समान मानते हैं. इस प्रकार इस मंत्र में पाँचों तत्त्व समाहित हैं अतः "ॐ नमः शिवाय" यह एक पूर्ण मंत्र है. शंकराचार्य जी ने एक एक अक्षर के लिए शिव के गुणों का वर्णन करने वाले एक एक श्लोक की रचना की. अतः इस स्तोत्र में पांच श्लोक हुए. 

​शंकराचार्य जी को नमस्कार करते हुए आपके सामने इस स्तोत्र का अर्थ करने का प्रयास करता हूँ. 

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होइहि वही जो राम रचि राखा

19/5/2016

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PictureImage Source: http://www.mygodpictures.com
​एक दिन जब भगवान राम अपने भवन में थे और श्री लक्ष्मण द्वार पर पहरा दे रहे थे तो एक तपस्वी द्वार पर आया और लक्ष्मण जी से बोला, "महाराज से जा कर कहो कि परम तेजस्वी महर्षि अतिबल का दूत आपसे मिलने आया है". 

लक्ष्मण से यह सूचना सुनते ही भगवान राम ने उन तपस्वी पुरुष को भीतर बुलाया और नीतिपूर्वक सम्मान किया. उस तेजस्वी मुख वाले तपस्वी से भगवान राम ने पूछा, "हे महात्मन, आपका इधर किस कारण आना हुआ. यदि आपको या जिन्होंने आपको दूत बन कर भेजा है उन्हें कोई कार्य हो तो शीघ्र कहिये". 




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​श्रीकृष्ण के पुत्र को श्राप क्यों मिला और इससे श्रीकृष्ण के देहत्याग का क्या सम्बन्ध?

15/5/2016

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​क्यों भगवान कृष्ण के पुत्र साम्ब को श्राप मिला? ऐसा क्या श्राप था जो भगवान कृष्ण और बलराम को देह त्याग करना पड़ा. क्या भगवान कृष्ण को भी किसी का श्राप था? भगवान कृष्ण ने कैसे देह त्यागी यह तो बहुत लोगों को पता है किन्तु भगवान बलरामजी ने कैसे शरीर छोड़ा यह इतने लोग नहीं जानते. महाभारत की यह कथा यदि किसी ने सुनी हुई भी हो तो भी बड़ी विशेष है.  

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People of This Village Don't Worship Hanuman Ji - Really?

11/5/2016

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​The story is: In the war against Ravana, Lakshman, the younger brother of Lord Rama was critically struck by Meghnad’s Shaktibaan. In order to save his life it was necessary to bring the Sanjeevani booti (herb) from Dronagiri Hill in the Himalayas before Sunrise.

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Happy Mother's Day

8/5/2016

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आज इंटरनेट पर मदर'स डे (मातृ दिवस) की धूम है. इस अवसर पर सर्वप्रथम भारत माता की जय के उद्घोष के साथ और विश्व की सभी माताओं को नमस्कार करते हुए​ इस लेख का आरम्भ करता हूँ. 
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सूर्यपुत्र धर्मराज यमराज का सावित्री रचित यमस्तोत्र

2/5/2016

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​भगवती सावित्री के आशीर्वाद से उत्पन्न होने के कारण राजा अश्वपति ने अपनी पुत्री का नाम सावित्री रखा. यही सावित्री आगे चलकर सत्यवान की पत्नी बनी और यमराज से अपने पति के प्राणों की रक्षा करने के कारण प्रसिद्ध हुई.  यह यमस्तोत्र उन्हीं सावित्री द्वारा रचित है. ​

​यह स्तोत्र बड़ा ही अद्भुत है. सावित्री रचित​ इस यमस्तोत्र का प्रातःकाल उठकर नित्य पाठ करने से सभी पापों का नाश होता है और यमराज का भय भी नहीं रहता. यदि इस स्तोत्र को कोई महापापी भी पढ़े तो यमराज निश्चित ही उसे भी शुद्ध कर देते हैं. 


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    Author - Archit

    लाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः I येषामिन्दीवरश्यामो हृदयस्थो जनार्दनः II
    ​

    ज्योतिष के विषय से मैंने इस वेबसाइट पर लिखना शुरू किया था परंतु ज्योतिष, धर्म और समाज को अलग अलग कर के देख पाना बड़ा कठिन है. शनैः शनैः मेरी यह धारणा प्रबल होती जा रही है कि जो भी संसार में हो चुका है, हो रहा है अथवा होने वाला है वह सब ईश्वर के ही अधीन है अथवा पूर्वनियोजित है. लिखना तो मुझे बाल्यकाल से ही बहुत पसंद था परंतु कभी गंभीरता से नहीं लिया. कविताएं लिखी, कहानियां लिखी, निबंध लिखे परंतु शायद ही कभी प्रकाशन के लिए भेजा. मेरी कविताएं और निबंध (जिनका संकलन आज न जाने कहाँ हैं) जिसने भी देखे, प्रशंसा ही की. यह सब ईश्वर की कृपा ही थी. धार्मिक क्षेत्र में मेरी रुचि सदा से ही रही है परंतु पुत्र होने के बाद थोड़ा रुझान अधिक हुआ है. ना जाने कब ईश्वर ने प्रेरणा दी और मैंने इस पर लिखना शुरू कर दिया.

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